This too shall pass

बुरे वक्त की अच्छी बात ये होती है की वो भी गुजर जाता है।

कभी कभी कहीं भाग जाने का जी करता है। 
जो अभी हो रहा है, वो क्यों हो रहा है।
जो मैं कर रही हूं, वो क्यों कर रही हूं।
क्या वो नही हो सकता जो मैं चाहती हूं, या फिर वो जो सही है।

झूला झूलना भी कुछ ही समय अच्छा लगता है, फिर चक्कर सा आने लगता है।
लगता है कि एक तरफ क्यों नहीं हो जाता। 
क्या मां बनने के बाद बस मां ही बने रहना पड़ता है।
क्या जो चाहते हैं वो नही कर सकते।
जो दिल चाहता है, जो की सही है। 

दिल में इतना दर्द क्यों है, 
जो आजतक किया है, 
जो कर रही हूं, वो पूरा क्यों नही पड रहा है।
क्या मैं कुछ गलत कर रही हूं, 
कोई मुझे समझ क्यों नही रहा है
कोई मुझसे प्यार क्यों नही कर रहा है
भीड़ में भी तनहा क्यों हूं मैं।

ये पल भी बीत जायेगा।
फिर उसके बाद जो पल आएगा, वो कैसा आएगा।
बुरा होगा या कुछ ठीक हो जायेगा।



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